कमी मुझ में ही थी, के ज़िन्दगी जी न सका,
इन्द्रधनुष के रंग पी न सका..
सुना है लोग इक पल में बरसो जी लेते है,
मैं बरसो में इक पल भी जी न सका...
अपेक्षा बहुत थी मुझे उस से*, लेकिन खुद पे ऐतबार रख न सका...
शायद 'अधूरी' थी तैयारी फिर भी मौके मिले 'पूरे',
लेकिन उस अक्स का शुक्र कर न सका...
लोग कहते है ये श्रिष्टि है बहुत ही बड़ी,
लेकिन मैं जीने का एक भी बहाना ढूंढ न सका...
~ रजत
* उस से - ईश्वर
इन्द्रधनुष के रंग पी न सका..
सुना है लोग इक पल में बरसो जी लेते है,
मैं बरसो में इक पल भी जी न सका...
अपेक्षा बहुत थी मुझे उस से*, लेकिन खुद पे ऐतबार रख न सका...
शायद 'अधूरी' थी तैयारी फिर भी मौके मिले 'पूरे',
लेकिन उस अक्स का शुक्र कर न सका...
लोग कहते है ये श्रिष्टि है बहुत ही बड़ी,
लेकिन मैं जीने का एक भी बहाना ढूंढ न सका...
~ रजत
* उस से - ईश्वर
No comments:
Post a Comment