Sunday, October 12, 2014

Random Thoughts

***Values of Words***

काश बातों के सहारे ज़िन्दगी चलती,
  शायद तब ज़ुबा की कीमत अनमोल होती !!
~ रजत
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आज सड़क के किनारे कुछ छोटे बच्चो को मुँह से गुब्बारे फुलाते देखा तबही गाड़ी में बैठे प्यारे से नवविवाहित जोड़े ने वे गुब्बारे खरीदे और कुछ देर बाद पीछे के सीट पे फेक दिये। 
इस वाक़ये पे कुछ पंक्तिया लिखी है… 

अपनी साँसों से भर के , जो गुब्बारे मैंने तुम्हे दिये थे !
       वो जश्न खत्म होते ही बेमाने से हो गये.!!
~ रजत 

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Develop the virtues of compassion and grace

छप्पर फाड़ के दिया गया केवल 'दया' के गहरी झोली में ही समा सकता है.। 
  'अहंकार' के खींची झोली पे गिर कर चीज़े अक्सर उछल जाती  है !!
~ रजत

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