तरकीब निकाली थी उसने ,
जीवन सुगम बनाने की!
परिणय-सूत्र में बंधे है लेकिन,
ज़िद है सन्यासी बन जाने की!
ग्रहस्त-जीवन छोड़ सन्यासी कैसे बन पाओगे....
ज़िम्मेदारी उठाओ और साथ चलो,
तभी 'बिम्पल' से 'रजत' और 'रजत' से 'बिम्पल' कहलाओगे ...
~ रजत
जीवन सुगम बनाने की!
परिणय-सूत्र में बंधे है लेकिन,
ज़िद है सन्यासी बन जाने की!
ग्रहस्त-जीवन छोड़ सन्यासी कैसे बन पाओगे....
ज़िम्मेदारी उठाओ और साथ चलो,
तभी 'बिम्पल' से 'रजत' और 'रजत' से 'बिम्पल' कहलाओगे ...
~ रजत